PRESS RELEASE
ईश्वर का सन्देश… मानव के नाम’
के विषय पर एक सिम्पोजियम
गढ़वा | दिनांक ०४ नवम्बर २०१८ को ठाकुर महल होटल में जमाअते इस्लामी हिन्द गढ़वा के तत्वाधान में एक सिम्पोजियम विषयक “ईश्वर का सन्देश मानव के नाम” का आयोजन किआ गया जिसमें विविन्न धार्मिक विद्वानों के द्वारा अपने अपने धार्मिक ग्रन्थ के आधार पर मानव के लिए ईश्वर के सन्देश को ब्यक्त किआ |
संस्था का संक्षिप्त परिचय देते हुए अली इमाम सिद्दीकी ने कहा कि जमाअते इस्लामी एक धार्मिक संस्था है जो इस्लाम के पैगाम को बिना किसी परिवर्तन के पुरे के पुरे मानव तक पहुँचाने का प्रयत्न करती है और इस के लिए प्रजातान्त्रिक और शांतिपूर्ण तरीका अपनाती है
श्री राम बिलास सिंह ने धर्म क्या है पर बोलते हुए कहा कि जो धारण करने योग्य है धर्म है जो धारण करने योग्य नहीं है अधर्म है | उन्हों ने वेद से शलोक उधृत करते हुए कहा कि ईश्वर स्वयं के बारे में कहता है कि ‘ एको अहम् द्वितीयो नास्ति ‘ अर्थात एक मैं ही हूँ दूसरा कोई नहीं | इस लिए एक ही ईश्वर है उस के अतिरिक्त कोई ईश्वर नहीं सब उसकी कृति हैं | ईश्वर का आदेश है कि दूसरों की सेवा करो , किसी को कष्ट मत पहुँचाओ , पाप करने से बचो | मानव सृष्टि है और ईश्वर सृष्टिकर्ता है
जनाब अहमद रियाज़ ने कहा कि इस्लाम एक सम्पूर्ण जीवन ब्वास्था है | एक अच्छा समाज बनाने के लिए ज़िन्दगी कैसे गुजारी जाये इस के लिए ईश्वर ने अपना सन्देश बताने के लिए दूत यानि पैगम्बर को दुनिया में भेजा | इन्सान को ईश्वर उच्च श्रेणी का बनाया किन्तु जब वह ईश्वर के सिवा दूसरों के सामने सर झुकता है तो खुद को अपमानित करता है |
फादर अर्जुन करमाली ने कहा कि ईश्वर ने ही सृष्टि की रचना किया और इसी उदेश्य से किया कि मनुष्य ईश्वर ही की आराधना करे | उसका आदेश दूसरों को सेवा करना है
मो० आफताब आलम ने ईश्वर के सन्देश को तिन भागो में बांटा | एक आदेश ईश्वर ने स्वयं अपने बारे में दिया कि मैं ही तुम्हारा सृष्टिकर्ता और पालने वाला हूँ अतः तुम्हें केवल मेरी ही आराधना और पूजा करनी चाहिए | दूसरा आदेश मानव को स्वयं मानव के बारे में दिया कि मैं ने तुम्हें इस संसार में सब से सर्वश्रेस्ठ बनाया हूँ और इस धरती पर अपना खलीफा नियुक्त किया हूँ अतः अन्य सृष्टि के सामने अपने को झुकाकर अपने स्तर को न गिराओ और मेरी बात मनो | तीसरा आदेश मानव को अपने जैसा मानव से सम्बन्ध के बारे में दिया कि तुम कोई ऐसी बात और कोई ऐसा कार्य न करो जिस से दुसरे मानव को कोई कष्ट और हानी पहुंचे |
इंजिनीअर ज़फर इमाम ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमारा देश धार्मिक देश है यहाँ के लोग धर्म और ईश्वर से मोहब्बत करते हैं | यहाँ अपने देश में न्याय और शांति की की स्थापना के लिए अध्यात्मिक तरीका सब से अच्छा है और इस के लिए हर ब्यक्ति को कोशिश करनी होगी क्योंकि ईश्वर क़ुरान में फरमाता है ‘ बेशक अल्लाह किसी कौम की हालत को नहीं बदलता जब तक कि वे स्वयं अपने आप को न बदल डालें |
कार्यक्रम में पुस्तक का स्टाल भी लगाया गया जहाँ से लोगों ने पुस्तक लिया |
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के राज्य स्तरीय अध्यक्ष इंजिनियर ज़फर इमाम ने किया | मंच संचालन मो० आफताब आलम ने किया | प्रबंधन का कार्य मो० नौशाद बारी सिद्दीक़ी ने किया जिन को मो० शाएक़ खान , मो० मेराजुद्दीन , इरफ़ान अली , जाहिद अख्तर , समीर आलम , शाहिद इमाम , वजदान , जावेद , इरफ़ान , रिजवान , मो० बशीर और अन्य लोग सहयोग किए | शाकिर अंसारी , राजदीप कुमार , गज़ाला सिद्दीकी , अवदेश जी , सविता देवी , धनश्याम प्रसाद , दीपक कुमार , कृष्णा जी , प्रदीप कुमार सिंह , राम प्रवेश सिंह , कपिल देव सिंह , देव कुमार प्रसाद , राम जनम सिंह , उपेंदर प्रसाद , दिलीप कुमार और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए |
धन्यवाद मो० फ़ारूक़ साहब ने किया |
आयोजक
जमाअते इस्लामी हिन्द
गढ़वा झारखण्ड
दिनांक : 4 नवम्बर 2018